Apne Hathon Ki Lakiron Mein

Qateel Shifai

अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको
अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझको
अपने हाथों की

मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन
मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन
मैं हूँ गर फूल जुड़े में सज़ा ले मुझको
अपने हाथों की

मैं खुले दर के किसी घर का हूँ समान प्यारे
मैं खुले दर के किसी घर का हूँ समान प्यारे
टूटा बेफां कभी आके चुरा ले मुझको
अपने हाथों की

तूने देखा नही आईने से आयेज कुच्छ भी
तूने देखा नही आईने से आयेज कुच्छ भी
खुद पराष्टी में कहीं तू ना गवाले मुझको
अपने हाथों की

करके उलफत की कसम भी कोइ होती हैं कसम
करके उलफत की कसम भी कोइ होती हैं कसम
तू कभी याद तो कर भूलने वेल मुझको
अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझको
अपने हाथों की

Trivia about the song Apne Hathon Ki Lakiron Mein by Manhar Udhas

When was the song “Apne Hathon Ki Lakiron Mein” released by Manhar Udhas?
The song Apne Hathon Ki Lakiron Mein was released in 2009, on the album “Diya Jale Saari Raat”.
Who composed the song “Apne Hathon Ki Lakiron Mein” by Manhar Udhas?
The song “Apne Hathon Ki Lakiron Mein” by Manhar Udhas was composed by Qateel Shifai.

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