Faasle
Anmol Ashish, Pratik Singh
खाली दिल तेरे भी इरादे देखें, चूरे जाते है ये ऑंसू सोने
क्या खुद से ही हो रहे है ये फ़ासले? फ़ासले?
क्या खुद से ही हो रहे है ये फ़ासले? फ़ासले?
तेरे बिना मेरी रूह भी लगती नहीं, तेरे बिना मेरी सॉंसें भी चलती नहीं
तेरी बातें है बसी मुझमें क्यूँ फिर? मेरे दिल में है चाई खामोशी
ऐ, खुदा फिर से ऑंखें बसले, मुझको तेरे साए में जगह दे
क्या खुद से ही हो रहे है ये फ़ासले? फ़ासले?
क्या खुद से ही हो रहे है ये फ़ासले? फ़ासले?