Chand Ne Khuli Jadu Ki Pudiya

Ravindra Peepat

चाँद ने खोली जादू की पुड़िया
लाख खिलोने मेरी एक गुड़िया
साँस में साँस रहती हैं
जब सामने हैं मेरी गुड़िया
चाँद ने खोली जादू की पुड़िया
लाख खिलोने मेरी एक गुड़िया
हु हु हु
तू जो कहे ले आवा मैं
तारे आसमान के
तेरे लिए ले आऊंगा
सपने सारे जहाँ के
नींद है एक छोटा सफर
छोटा सा पलना और परियो का घर
नींद हैं एक छोटा सफर
छोटा सा पलना और परियो का घर
नींद में नींद आएगी
जब सोयेगी तू मेरी गुड़िया
चाँद ने खोली जादू की पुड़िया
लाख खिलोने मेरी एक गुड़िया

टूटे हुए टारे नहीं मैं तो चाँद लगी
लय क चलो मुझे वह आ
मैं चाँद से खेलूँगी
कितना सुहाना होगा वह
छनि का झरना हैं बहता जहा
कितना सुहाना होगा वह
छनि का झरना हैं बहता जहा
ले चलूंगा ये वादा रहा
ज़रा सी बड़ी हो मेरी गुड़िया
चाँद ने खोली जादू की पुड़िया
लाख खिलोने मेरी एक गुड़िया

यहाँ हूँ मैं यहाँ हूँ मैं
बताओ मैं छिपी कहा हूँ
वह नहीं वह नहीं
अरे मैं तो कड़ी यहाँ हूँ
आँख से तू जब झल होगी
साँस मेरी हर बोझल होगी
आँख से तू जब झल होगी
साँस मेरी हर बोझल होगी
साँस में साँस आएगी
जब सामने होगी मेरी गुड़िया
चाँद ने खोली जादू की पुड़िया
लाख खिलोने मेरी एक गुड़िया.

Trivia about the song Chand Ne Khuli Jadu Ki Pudiya by Mohammed Aziz

Who composed the song “Chand Ne Khuli Jadu Ki Pudiya” by Mohammed Aziz?
The song “Chand Ne Khuli Jadu Ki Pudiya” by Mohammed Aziz was composed by Ravindra Peepat.

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