Jeevan Ek Sanghursh Hai

JAVED AKHTAR, LAXMIKANT PYARELAL

समय का दरिया बहता जाये
समय का दरिया बहता जाये
बहते बहते कह्ता जाये
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं

अपनी बदनामियों के साये में
रोज़ जीता हूँ रोज़ मरता हूँ
तुम मुझे भूल गयी हो लेकिन
मैं तुम्हे अब भी याद करता हूँ
मैं तुम्हे अब भी याद करता हूँ
दिल कब तक ये सहता जाये
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं

जिन्हे एक पल को मैं नहीं भुला
पाना चाहा सदा जिन्हें फिर से
जिनकी यादो को पूजता मैं रहा
पाया और खो दिया उन्हें फिर से
पाया और खो दिया उन्हें फिर से
आंसू क्यों न बहता जाये
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
समय का दरिया बहता जाये
बहते बहते कह्ता जाये
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं

इस तरह जीने पे मजबूर हुए
जिसको चाहा उसी से दूर हुए
हमने जो प्यार के देखे सपने
सारे शीशे की तरह चुर हुए
चूर हुए
गम का लावा बहता जाये
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
समय का दरिया बहता जाये
बहते बहते कह्ता जाये

जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं
जीवन एक संघर्ष हैं

Trivia about the song Jeevan Ek Sanghursh Hai by Mohammed Aziz

Who composed the song “Jeevan Ek Sanghursh Hai” by Mohammed Aziz?
The song “Jeevan Ek Sanghursh Hai” by Mohammed Aziz was composed by JAVED AKHTAR, LAXMIKANT PYARELAL.

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