Badnaamiyan [Accostic]

Rashmi Virag

ज़िंदगानी के लम्हों को तेरे नाम कर दिया
ज़िंदगानी के लम्हों को तेरे नाम कर दिया
खुद को तेरी ही खातिर
बदनाम कर दिया
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी
ज़िंदगानी के लम्हों को तेरे नाम कर दिया
ज़िंदगानी के लम्हों को तेरे नाम कर दिया
खुद को तेरी ही खातिर
बदनाम कर दिया
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी

हर पल ये दिल याद तुझे करता रहता है
हर पल तेरे सपने ये देखा करता है
माना तुमने रास्ते अपने बदल दिए
ये बेचारा बीते कल में ही रहता है
आखिरी सांस को भी तेरे नाम कर दिया
आखिरी सांस को भी तेरे नाम कर दिया आ आ
खुदको तेरे ही खातिर
नाकाम कर दिया
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी

मैं तेरी आँखों में
देखता हूँ खुदको
ह्म मैं तेरी आँखों में
देखता हूँ खुदको
तुमको क्या दीखता है
मेरी नज़रों में कहो
देखते चाहते
सुबह को शाम कर दिया
देखते चाहते
सुबह को शाम कर दिया
खुद को तेरी ही खातिर
कुर्बान कर दिया
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी
बदनामियाँ मिली
तन्हाईयाँ बढ़ी

आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ

Trivia about the song Badnaamiyan [Accostic] by Mohammed Irfan

Who composed the song “Badnaamiyan [Accostic]” by Mohammed Irfan?
The song “Badnaamiyan [Accostic]” by Mohammed Irfan was composed by Rashmi Virag.

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