Farouza
Vikas Dubey
तेरी क़ुरबत में आया मैं जब से
दिल ये मेरा फ़ारौज़ा फ़ारौज़ा हुवा
चाहत तेरे दीदार की है बस
नाम तेरे मेरा दिल का कोना कोना हुवा
शाएेद नही सच में हुवा
उनसे हुवा तुमसे हुवा
शाएेद नही सच में हुवा
उनसे हुवा तुमसे, उनसे हुवा
तेरी क़ुरबत में आया मैं जब से
दिल ये मेरा फ़रोज़ा फ़रोज़ा हुवा
तेरी लकीरें पाकर के
तक़दीर मेरी चल रही है
सीने में मेरे जितनी साँसें हैं
हर ऐक तुझ से जुड़ती है
तेरा तलबगार में बन गेया
लफ्ज़ तेरा अछा लगे
शाएद नही सच में हुवा
उनसे हुवा तुमसे, उनसे हुवा
तेरी क़ुरबत में आया मैं जब से
दिल ये मेरा फरोज़ा फरोज़ा हुवा