Sun Soniye

SAJID KHAN, WAJID KHAN, KAUSAR MUNIR

सुन सोहनिए सोना सोना
तेरा तिल है बड़ा
छू लेने दे, तिल-तिल मेरा दिल कह रहा
छील जाने दे, सील जाने दे जिया से जिया
मिल जाने दे, तूने माना है ना मुझको पिया
मैंने तेरा ऐतबार किया

आँखें पिघलती हैं, तुझ पे फ़िसलती हैं यूँ
आँखों की ग़लती हैं, मुझपे बिगड़ती हैं क्यूँ वो हो

आँखें बहाना है, बातें बनाता है तू
आँखों ही आँखों में दिल को चुराएगा तू वो हो

सुन सोहनिए सोना सोना
तेरा तिल है बड़ा
छू लेने दे, तिल-तिल मेरा दिल कह रहा

दिल से लगे लूँ, आ अपना बना लूँ अभी
तू जो जगह दे तो मैं घर बसा लूँ यहीं वो हो

तू है जहाँ मैं हूँ, मैं हूँ जहाँ तू वहीं हा हा
तू जो मेरा है तो लो मैं तेरी हो गई हा हा

सुन सोहनिए सोना सोना
तेरा तिल है बड़ा
छू लेने दे, तिल-तिल मेरा दिल कह रहा
छील जाने दे, सील जाने दे जिया से जिया
मिल जाने दे, तूने माना है ना मुझको पिया
मैंने तेरा ऐतबार किया (मैंने तेरा ऐतबार किया)

Trivia about the song Sun Soniye by Mohammed Irfan

Who composed the song “Sun Soniye” by Mohammed Irfan?
The song “Sun Soniye” by Mohammed Irfan was composed by SAJID KHAN, WAJID KHAN, KAUSAR MUNIR.

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