Ve Mahiya

Nishan Thakur

रख लूँ मैं छुपा के तुझे साँसों के दरमियाँ
कोई आए-जाए नहीं, तेरे सिवा वहाँ
तुझको उम्र भर के लिए रहनुमा बना लिया
जब तलक हो मर्ज़ी रहो, मैंने कब मना किया?
माना मुश्किल है इश्क़ निभाना, पर ये भी कर जाऊँगा
तू जो ना कर दे मुझको तो जीते जी मर जाऊँगा
तू रहने दे अपने कोल वे , मेरे इश्क़ को कम ना तोल वे
मेरा तुझ बिन कोई ना मोल वे , माहिया
तू रहने दे अपने कोल वे , मेरे इश्क़ को कम ना तोल वे
मेरा तुझ बिन कोईना मोल वे , माहिया

मैं तोड़ दूँगा उस आईने को जिसमें दिखे ना चेहरा तेरा
रुख मोड़ दूँगा बहती हवा का, जिसपे लगा हो पहरा तेरा
क़तरा-क़तरा मैं इश्क़ का मेरे, नाम तेरे कर जाऊँगा
तू जो ना कर दे मुझको तो जीते जी मर जाऊँगा
तू रहने दे अपने कोल ਵੇ, मेरे इश्क़ को कम ना तोल वे
मेरा तुझ बिन कोई ना मोल वे , माहिया
हो, तू रहने दे अपने कोल वे , मेरे इश्क़ को कम ना तोल वे
मेरा तुझ बिन कोईना मोल वे , माहिया

Trivia about the song Ve Mahiya by Mohammed Irfan

Who composed the song “Ve Mahiya” by Mohammed Irfan?
The song “Ve Mahiya” by Mohammed Irfan was composed by Nishan Thakur.

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