Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum

Shivram, Bharat Vyas

दौलत के झूठे नशे में हो चूर
गरीबों की दुनिया से रहते वो दूर
अजी एक दिन ऐसा आयेगा
जब माटी में सब मिल जायेगा
माटी ही ओढ़न, माटी बिछावन
माटी का तन बन जायेगा
माटी में सब मिल जायेगा

ऊँचे आसमान से भी, ऊँची तेरी आस है
पर कभी सोचा नहीं, गिनती की तेरी साँस है
इसका तू हिसाब कर, अंगूठा उँगलियों पे धर
इतनी खर्च कर कहाँ भलाई में, जितनी तू लगा रहा बुराई में
भलाई का फल रह जायेगा
बाकि माटी में सब मिल जायेगा
माटी ही ओढ़न माटी बिछावन
माटी का तन बन जायेगा
माटी में सब मिल जायेगा

ऊँची हवेली ये ऊँचे मोहल
आह आ आ आ आ आ
ऊँची हवेली ये ऊँचे मोहल
पल भर में जायेंगे, पगले बदल
ले तू किसी की दुआंओ का फल
ले तू किसी की दुआंओ का फल
बदी से तू टल, और नेकी पे चल
जैसा बोयेगा, वैसा पायेगा
बाकि माटी में सब मिल जायेगा
दौलत के झूठे नशे में हो चूर
गरीबों की दुनिया से रहते वो दूर
अजी एक दिन ऐसा आयेगा
जब माटी में सब मिल जायेगा
माटी ही ओढ़न, माटी बिछावन
माटी का तन बन जायेगा
माटी में सब मिल जायेगा
दौलत के झूठे नशे में हो चूर आह आ

Trivia about the song Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum by Mohammed Rafi

When was the song “Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum” released by Mohammed Rafi?
The song Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum was released in 1955, on the album “Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum”.
Who composed the song “Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum” by Mohammed Rafi?
The song “Daulat Ke Jhute Nashe Men Ho Tum” by Mohammed Rafi was composed by Shivram, Bharat Vyas.

Most popular songs of Mohammed Rafi

Other artists of Religious