Taj Mahal Mein Aa Jana

GOVIND PRASAD JAIPURWALE, PREM WARBARTONI

जब आँचल रात का लहराए
और सारा आलम सो जाए
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
जब आँचल रात का लहराए

ये ताज महल जो चाहत की
आँखों का सुनहेरा मोटी हैं
हर रात जहाँ दो रूहो किी
खामोशी ज़िंदा होती हैं
इश्स ताज के साए में आकर तुम
गीत वफ़ा का दोहराना
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
जब आँचल रात का लहराए

तन्हाई हैं जागी जागी सी
महॉल हैं सोया सोया हुआ
जैसे के तुम्हारे खवाबों में
खुद ताज महल हो खोया हुआ
वो ताज महल का ख्वाब तुम
ये राज़ मैने पहचाना
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
जब आँचल रात का लहराए

जो मोट मोहब्बत में आए
वो जान से बढ़ कर प्यारी हैं
दो प्यार भरे दिल रोशन हैं
वो रात बड़ी अंधियारी हैं

तुम रात के इश्स आँधियरे में
बस एक झलक दिखला जाना
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
जब आँचल रात का लहराए
और सारा आलम सो जाए
तुम मुझसे मिलने सम्मा जलाकर
ताज महल में आ जाना
ताज महल में आ जाना
ताज महल में आ जाना

Trivia about the song Taj Mahal Mein Aa Jana by Nina Mehta

On which albums was the song “Taj Mahal Mein Aa Jana” released by Nina Mehta?
Nina Mehta released the song on the albums “Hum Safar” in 2009 and “A Live Concert” in 2009.
Who composed the song “Taj Mahal Mein Aa Jana” by Nina Mehta?
The song “Taj Mahal Mein Aa Jana” by Nina Mehta was composed by GOVIND PRASAD JAIPURWALE, PREM WARBARTONI.

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