Atak Gaya

Varun Grover

जब चलते चलते रह मुडे
जब जुगनू मुठी खोल उड़े
जब नं ये तोड़े रूल सबी
और खुल के क्रले
भूल सबी
भूल सबी
भूल सबी

तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चातक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
हाय

कभी झील है तू और
कभी यादों की नाव है
तू ही दिल का किनारा मेरा
कभी धूप है तू और
कभी तारो की चाओ हैं
सारा ही है सहारा मेरा

जब बाकी दुनिया धुंधली लागे
जब रात भी उजली ​​लगी
जब दिल को दुआ मालुम पड़े
और धड़कन झट से
बूम करे
बूम करे
बूम करे

तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है

Trivia about the song Atak Gaya by Palak Muchhal

Who composed the song “Atak Gaya” by Palak Muchhal?
The song “Atak Gaya” by Palak Muchhal was composed by Varun Grover.

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