Tumhare Khat Ko
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
जो महके दिल में तुम्हारे ख़याल की खुसबू
जो महके दिल में तुम्हारे ख़याल की खुसबू
तुम्हारे प्यार का मौसम बहोट ही याद आया
तुम्हारे प्यार का मौसम बहोट ही याद आया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
पकड़ के हाथ जो चलते थे तुम हुमराह मेरे
पकड़ के हाथ जो चलते थे तुम हुमराह मेरे
बिच्छाद के तुमसे वो आलम बहोट ही याद आया
बिच्छाद के तुमसे वो आलम बहोट ही याद आया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
मिला वो मुझसे मगर अजनबी सा मिलके मिला
मिला वो मुझसे मगर अजनबी सा मिलके मिला
इसी आडया ने मेरे दिल को और तडपया
इसी आडया ने मेरे दिल को और तडपया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
मेरे ख़याल की दुनिया उजाड़ गयी जैसे
मेरे ख़याल की दुनिया उजाड़ गयी जैसे
परेशान जब भी वो सादिल मुझे नज़र आया
परेशान जब भी वो सादिल मुझे नज़र आया
मिले थे पहले पहेल वो ज़माना याद आया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया
तुम्हारे खत को जो अपनी किताब में पाया.