Woh Ajnabi Sahi

Zafar Gorakhpuri

वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर हैं
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ूरूर हैं
हमने किसी जगह उसे देखा ज़ुरूर हैं
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर हैं

ये और बात हैं कभी मिलता नही हमें
ये और बात हैं कभी मिलता नही हमें
मिलता नही हमें
लेकिन हमारे साथ वो रहता ज़ुरूर हैं
लेकिन हमारे साथ वो रहता ज़ुरूर हैं
हमने किसी जगह उसे देखा ज़ुरूर हैं
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर हैं

हम भी समझ ना पाए तो उसका कुसूर क्या
हम भी समझ ना पाए तो उसका कुसूर क्या
उसका कुसूर क्या
कुछ खामोशी के लब से वो कहता ज़ुरूर हैं
कुछ खामोशी के लब से वो कहता ज़ुरूर हैं
हमने किसी जगह उसे देखा ज़ुरूर हैं
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर हैं

सांसो के आने जाने से मिलता हैं ये सुराग
सांसो के आने जाने से मिलता हैं ये सुराग
मिलता हैं ये सुराग
इस दिल में ए ज़फ़र कोई ज़िंदा ज़ुरूर हैं
इस दिल में ए ज़फ़र कोई ज़िंदा ज़ुरूर हैं
हमने किसी जगह उसे देखा ज़ुरूर हैं
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर है
वो अजनबी सही कोई रिश्ता ज़ुरूर है

Trivia about the song Woh Ajnabi Sahi by Pamela Singh

When was the song “Woh Ajnabi Sahi” released by Pamela Singh?
The song Woh Ajnabi Sahi was released in 2008, on the album “Tadap”.
Who composed the song “Woh Ajnabi Sahi” by Pamela Singh?
The song “Woh Ajnabi Sahi” by Pamela Singh was composed by Zafar Gorakhpuri.

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