Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live]

Saeed Rahi

ये नज़ारा कितना लाजवाब है
जनाब सईद राही की लिखी हुई एक नशीली गजल पेश-ए-खिदमत है

ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं

जो नसीहतो से परे परे
जो नसीहतो से परे परे ज़िंदगी उसी की कामयाब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं

चाँद से कहो के अपनी राह ले
चाँद से कहो के अपनी राह ले मेरे पास मेरा माहताब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं

तू मेरे वूजूद से अलग नही
तू मेरे वूजूद से अलग नही मैं हूँ खुशबू और तू गुलाब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं

ये गुरूर ये दिमाग़ किस लिए
ये गुरूर ये दिमाग़ किस लिए राही चार दिन का ये शबाब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं
ये नज़ारा कितना लाजवाब है शेख जी के सामने शराब हैं
शेख जी के सामने शराब हैं, शेख जी के सामने शराब हैं

Trivia about the song Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live] by Pamela Singh

When was the song “Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live]” released by Pamela Singh?
The song Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live] was released in 2009, on the album “Khazana '85 ( Live )”.
Who composed the song “Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live]” by Pamela Singh?
The song “Yeh Nazaara Kitna Laajawaab Hai [Live]” by Pamela Singh was composed by Saeed Rahi.

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