Aaj Phir Dekha Kiya

AMEETA PARSURAM, SUDEEP BANERJI

आज फिर देखा किया, आईना हैरत से मुझे
आज फ़िर देखा किया, आईना हैरत से मुझे
खुब करता हैं मुक़ाबिल
खूब करता हैं मुक़ाबिल, मेरी गैरत से मुझे
आज फ़िर देखा किया, आईना हैरत से मुझे
आज फिर देखा किया

मुझको पहचान, मेरे दिल की पज़ीराई कर
मुझको पहचान, मेरे दिल की पज़ीराई कर
अब ना तू देल किसी, और की निस्बते से मुझे
अब ना तू देल किसी, और की निस्बते से मुझे
खूब करता हैं मुक़ाबिल, मेरी गैरत से मुझे
आज फिर देखा किया

मेरे दिल ने तो, हमेशा ही पुकारा तुमको
मेरे दिल ने तो, हमेशा ही पुकारा तुमको
एक दफ़ा तूम भी, पुकारो तो मोहब्बत से मुझे
एक दफ़ा तूम भी पुकारो तो मोहब्बत से मुझे
खूब करता हैं मुक़ाबिल, मेरी गैरत से मुझे
आज फिर देखा किया

फिर तेरे साथ निखरते गये मंजर मंजर
फिर तेरे साथ निखरते गये मंजर मंजर
फ़िर अता होती गई नेमते कुदरत से मुझे
फ़िर अता होती गई नेमते कुदरत से मुझे
खूब करता हैं मुक़ाबिल
खूब करता हैं मुक़ाबिल, मेरी गैरत से मुझे
आज फ़िर देखा किया, आईना हैरत से मुझे
आज फिर देखा किया

Trivia about the song Aaj Phir Dekha Kiya by Rekha Bhardwaj

Who composed the song “Aaj Phir Dekha Kiya” by Rekha Bhardwaj?
The song “Aaj Phir Dekha Kiya” by Rekha Bhardwaj was composed by AMEETA PARSURAM, SUDEEP BANERJI.

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