Aao Ke Zara Baitho
आओ के जरा बैठो
कुछ गुफ्तगु करें
आओ के जरा बैठो
कुछ गुफ्तगु करें
कुछ दिल की बात अपनी
फिर से सुरू करें
आओ के जरा बैठो
कुछ गुफ्तगु करें
कुछ दिल की बात अपनी
फिर से सुरू करें
आओ के जरा बैठो
इजहार करे मन में
जो गीत गा रहे हैं
हुस्न और इश्क के संगी
जिस से बना रहे
इजहार करे मन में
जो गीत गा रहे हैं
हुस्न और इश्क के संगी
जिस से बना रहे
तन्हैया बहोत हैं
कुछ साथ आओ चलें
जो टूट गए जुड़वा कर
वो साज़ बाज चले
इक दुजे के दिल को
अब रूबरू करे
कुछ दिल की बात अपनी
फिर से सुरू करें
अब तक ना खिल सके जो
वो फूल खिल चले
अब तक ना कह सके जो
वो लफ़्ज़ कह चले
अब तक ना खिल सके जो
वो फूल खिल चले
अब तक ना कह सके जो
वो लफ़्ज़ कह चले
याद जो दब गई हैं
ताजा करें जरा
बहें सिमत गायी
खुल जाए वो जरा
ख्वाबो के खुदा तुमको
सज्जा वाजू करे
कुछ दिल की बात अपनी
फिर से सुरू करें
अब तक ना चले जिस परी
उस राह पर चले
बदनाम हो गए हैं
कुछ पाप कर चले
अब तक ना चले जिस परी
उस राह पर चले
बदनाम हो गए हैं
कुछ पाप कर चले
ऊंचाइयां बहुत हैं
सब पार कर चले
गेहराई ओ में दुबिक
संसार ताज़ चले
मेरे खुदा फिर से
जीना सुरू करें
कुछ दिल की बात अपनी
फिर से सुरू करें
आओ के जरा बैठो
कुछ गुफ्तगु करें