Khamosh Raat

Mehboob, A R Rahman

खामोश रात
सैहमी हवा
तन्हा तन्हा दिल अपना
तन्हा तन्हा दिल अपना
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा
ये सच है या सपना
ये सच है या सपना
ये सच है या सपना
खामोश रात
सैहमी हवा
तन्हा तन्हा दिल अपना
तन्हा तन्हा दिल अपना
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा
ये सच है या सपना
ये सच है या सपना

झुकी झुकी पलकें जब उठी
ननूं में दिए मधाम मधाम
आध खुले होतों से हँसी
झाँक रही मधाम मधाम
कैसे कहाँ फिर हो गयी
उसकी चारी मधाम मधाम
पल पल उठती हसरतें
होने लगी मधाम मधाम
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा
सूरज था पे नूवर सा
उसकी तनाक मधाम मधाम
चाँद भी सा बुझा बुझा
तारे भी थे मधाम मधाम
जुगनू दिलासा देने लगे
नन्ही सी जान मधाम मधाम
शमा भी तक हार के
होने लगी मधाम मधाम
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा

जीने का था हम में दम
पर नहीं था कोई हुंदम
खुशियूं की थी जूसताजू
मिल रहे थे बस घाम ही घाम
शुरू में इस दुनिया के भी
खामोशी थी और एक थे हम
रहें सभी थी सूनी सूनी
उठ रहे थे कदम थम थम
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा
ये सच है या सपना
ये सच है या सपना
खामोश रात
सैहमी हवा
तन्हा तन्हा दिल अपना
तन्हा तन्हा दिल अपना
और डोर कहीं, रोशन हुआ एक चेहरा
एक चेहरा, एक चेहरा
ये सच है या सपना
ये सच है या सपन

Trivia about the song Khamosh Raat by Roop Kumar Rathod

Who composed the song “Khamosh Raat” by Roop Kumar Rathod?
The song “Khamosh Raat” by Roop Kumar Rathod was composed by Mehboob, A R Rahman.

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