Yaad Koi Aa Raha Hai
REHMAT KHAN
याद कोई आ रहा है क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ
दिल बहोट गभरा रहा है क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ क्या करूँ
देख कर एक डाल को उड़ते हुए आकाश पर
देख कर एक डाल को उड़ते हुए आकाश पर
मान का पांच्ची रो पड़ा है क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ क्या करूँ
बारहा तन्हाईओ में सोच की आवाज़ पर
बारहा तन्हाईओ में सोच की आवाज़ पर
मुंताशीर होता ना ख्वाब क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ क्या करूँ
रात की खामोशिो में धड़कने दिल की सुनू
रात की खामोशिो में धड़कने दिल की सुनू
हाय तन्हाई का आलम क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ
दिल बहोट गभरा रहा है क्या करूँ
याद कोई आ रहा है क्या करूँ क्या करूँ