Poora Bachpan

Sandesh Shandilya

ना ना ना ये ये

वो बहती नदी है उसे रास्ता देना
वो खिलता सूरज है
उसे पूरा आसमान देना
वो महकती खुश्बू है
उसे कही उड़ा ना देना
वो खिलखिलाती हसी है
मोती दूर तक बिखरने देना
कुच्छ देना चाहे ना देना
उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हसी है
मोती दूर तक बिखरने देना
कुछ देना चाहे ना देना
उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हसी है
मोती दूर तक बिखरने देना

उसे पढ़ाना पढ़ाना नहीं
सिखाना पर सिखाना नहीं
उसे बताना पर बताना नहीं
उसकी मंज़िल देखो उसे मंज़िल दिखलाना नहीं
गर लगा है बाजार तो बाजार चलने देना
सोना चांदी बेचो जितना
बचपन ना बिकने देना
आ आ आ आ आ आ आ आ
उसे तो उड़ाने दो
उसके पँखो में सितारे जड़ो
उसे तो बहने दो उसके किनारे बनो
उसे भटकने दो उसकी ताल बनो
उसे तो लड़ने दो उसकी ढाल बनो
कुच्छ देना चाहे ना देना
उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हसी है हसी है
मोती दूर तक बिखरने देना
कुच्छ देना चाहे ना देना (कुच्छ देना)
उसे पूरा बचपन देना
वो खिलखिलाती हसी है (हसी है)
मोती दूर तक बिखरने देना (मोती दूर तक बिखरने देना)

Trivia about the song Poora Bachpan by Shankar Mahadevan

Who composed the song “Poora Bachpan” by Shankar Mahadevan?
The song “Poora Bachpan” by Shankar Mahadevan was composed by Sandesh Shandilya.

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