Mangal Gaan
Sona Mohapatra, Traditional
गाए जग मंगल गान
गाए जग मंगल गान
शिव पार्वती का मिलन महान
गाए जग मंगल गान
गगन झुका धरती के आगे
गगन झुका धरती के आगे
गगन झुका हाँ हो
गगन झुका धरती के आगे
सुर नर मुनि के भाग्य है जागे
नाच रे डम डम डमरू बाजे
नाच रे डम डम डमरू बाजे
गाए जग मंगल
गाए जग मंगल
गाए जग मंगल गान
जय महेश जटाजूट
कंठ सोहे काल कूठ
तीन नेत्र
चंद्र माल गल में
मुंडन की माल गौरी
अर्धांग शांग
भरम लाशत अंग अंग जाकि
महिमा अपार वेद रातत जाकि