Ghoonghat Na Khol
सैय्या सैय्या चूड़ी पे लिखू
फिर बाचू गाँव गाँव
क्या सैय्या तुझको याद है
वो तूने पहली पहली बार
में जो मुझे देखा था
गाँव के पिच्चे नीम के
नीचे क्या अपने मेरे
बारे में सोचा था
फिर बापू से मेरा हाथ लिया
शादी का बंधन बाँध दिया
फिर बीच भंवर में
छ्चोड़ के मेरा तोड़ दिया सपना
घूँघट ना खोल
घूँघट ना खोलियो सजना
घूँघट ना खोलियो सजना
ओ हरजाई ओ सौदाई क्यों
बीच भंवर में छ्चोड़ के
मेरा तोड़ दिया सपना
घूँघट ना खोलियो सजना
घूँघट ना खोलियो सजना
सावन भादो बिन बीत
गया बैसाखी मेला बीत
गया बेदर्दी पिया
तिटलीसी मैं नाच
नाची बिरहा अग्नि में
रात कटी क्या हाल किया
जोबन आँगन में यू था पड़ा
कच्ची माटी का जैसे घड़ा
च्छुदे ने मेरी कलाई ने
अब छ्चोड़ दिया सजना
हाई घूँघट ना खोलियो
घूँघट ना खोलियो सजना
मुझे खबर है तूने
सौतन संग खेला था झूम
के होली रंग बाके बालम
अर्र जो उंगली तेरी घी में थी
काली कलमूहि दिल में
थी क्या था आलम
पनघट पे सखियाँ बात
करे च्छूरिया सी मेरे दिल पे चली
जेया निर्मोही अब मुझको
तेरे रंग नही रंगना हाई
घूँघट ना खोलियो सजना
घूँघट ना खोलियो सजना
हो पतीला तारो गोरबंध नखहरालो
हो पतीला तारो गोरबंध नखहरालो
हो पतीला तारो गोरबंध नखहरालो
हो पतीला तारो गोरबंध नखहरालो
आँखों में झाँक के देख
ज़रा है मॅन में तेरा
प्यार भरा सुन बाँवरिया
मेरे दिल में क्या है कैसे काहु
मैं बन के तेरे पाओं
में राहु तेरी जांझरिया
कंवले तेरा बाँध उड़ा
तू कान को अपने देख ज़रा
मैं सांचा प्रीतम तेरा
हूँ तू मेरी हसी माखानी
घूँघट तो
घूँघट तो खोलियो सजनी
घूँघट तो खोलियो सजनी
ओ हरजाई ओ सौदाई क्यों
बीच भंवर में छ्चोड़
के मेरा तोड़ दिया सपना
घूँघट ना खोलियो सजना
घूँघट तो खोलियो सजनी
सैय्या सैय्या चूड़ी पे लिखू
फिर बाचू गाँव गाँव
सैय्या है अनमोल मोरा
लगे नको ना भांव