Aye Zindagi [Solo]

JAVED AKHTAR, SANDESH SHANDILYA

आए ज़िंदगी
धीरे से चल

ए ज़िंदगी धीरे से चल
कहीं हाथों से ना लम्हा फिसल जाए
कहीं ऐसा ना हो छू के गुज़र जाए
खुल के तुझको गले लगा लूँ ज़रा थम जा
ए ज़िंदगी धीरे से चल
कहीं हाथों से ना लम्हा फिसल जाए
कहीं ऐसा ना हो छू के गुज़र जाए
खुल के तुझको गले लगा लूँ ज़रा थम जा
ए ज़िंदगी धीरे से चल

तारों भरी इस रात मे चाँद ज़रूरी है
तेरा मेरे पास यहाँ होना ज़रूरी है
तुम्हें अपनी आँखों से मैं
छूउँगा तो चैन आएगा
कहीं ऐसा ना हो आधा ही रह जाए
ख्वाब मेरा कहीं खाली ना घर जाए
खुल के तुझको गले लगा लू ज़रा थम जा
ए ज़िंदगी धीरे से चल

बरसों से मैं तेरे प्यार में
रोता भी हूँ, हंसता भी हूँ
कभी काश कुछ ऐसा भी हो
तू भी मेरे लिए दो बूँद रो जाए
तेरी बातों में जो मेरा ज़िकार आए
खुल के तुझको गले लगा लू ज़रा थम जा
ए ज़िंदगी धीरे से चल

Trivia about the song Aye Zindagi [Solo] by Sonu Nigam

When was the song “Aye Zindagi [Solo]” released by Sonu Nigam?
The song Aye Zindagi [Solo] was released in 2018, on the album “Aye Zindagi”.
Who composed the song “Aye Zindagi [Solo]” by Sonu Nigam?
The song “Aye Zindagi [Solo]” by Sonu Nigam was composed by JAVED AKHTAR, SANDESH SHANDILYA.

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