Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se

JEET GANGULY, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA

छुप गयीं शामें किस गली जाने
छुप गयीं शामें किस गली जाने
हो गयी तुम जुदा यूं धीरे धीरे
गिर गयीं हाथ से जैसे लकीरें
हवाएं रोज़ आते जाते
सुनाएं मुझे तेरी बातें
ये मेरे रात दिन कुछ ख़ास होते
शर्त ये है अगर तुम पास होते
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा

आज भी तेरे नाम पर
जुगनू सी जलें आखें मेरी
ओ आज भी तेरी साँसों से
है लिपटी हुई सांसें मेरी
हो देख ले कुछ भी तो नहीं
बदला तेरे मेरे दरमियाँ
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा

जोड़ के मैंने जोड़ के
रखी हैं सभी यादें तेरी
ओ तू गयी जबसे तू गयी
सोयी ही नहीं रातें मेरी
हो जल गयीं देखो जल गयीं
तारे गिन के मेरी उंगलियाँ
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा(कहीं से आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा(कहीं से आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा(कहीं से आ भी जा)
आ भी जा तू कहीं से आ भी जा(कहीं से आ भी जा)

Trivia about the song Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se by Sonu Nigam

When was the song “Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se” released by Sonu Nigam?
The song Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se was released in 2019, on the album “Love Anthems - Sonu Nigam”.
Who composed the song “Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se” by Sonu Nigam?
The song “Aa Bhi Jaa Tu Kahin Se” by Sonu Nigam was composed by JEET GANGULY, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA.

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