Ghar Aaja
सबर आ जाए जे तू नज़र आ जाए
ज़िंदगी काट जाए खुशी से
जो तू घर आ जाए
घर आ जाए
अब जब गले मिलेंगे
मिलेंगे बोहट कस कर
बनेंगे एक जान एक शरीर
एक दूजे में बस कर
तसली हो जाती है
जब तू देखे मुझे हस्स कर
बेशेक खुशी के अनसून हैं
रोना नही है बस कर,
तेरी याद की आग में
कैसे खुदको ढलु मैं
कॉर्ड दूं तुझको
बिल्कुल नही हूँ चालू मैं
क्या ज़हर खलू मैं
मेरी भी तो परवाह कर
मैं तो ज़िंदा ही ना रहूं
जो तेरा नाम ना लो मैं
एक ही गवाह तू है मेरे बिगड़े हालाटो का
झुलस चुका है चेहरा अब मेरे जज़्बातो का
तूने सुना क्यूँ ना आवाज़ दी थी ज़ोर से
मैने थमा है गुलदस्ता दुखो के काँटों का
आसमान खानें को पड़े ज़मीन हिलती
सब कुछ मिल जाता है खुशी नही मिलती
ग़लती किसी की भी हो फील करूँ मैं गिल्टी
ज़ुबान मेरी पर बाते करूँ तेरे दिल की
सबर आ जाए जे तू नज़र आ जाए
ज़िंदगी काट जाए खुशी से
जो तू घर आ जाए
घर आ जाए
रे तनने के लागगे मैं ना जानू तू के सोचे
रत भर मैं चीखून खुद अपने बाल नोचे
मानने तेरी याद तड़पवे नाद मेरी बॉच
रो रो के पद गयी मेरी आखो में खरोचे
जितना मैं प्यार करूँगा तू ना कर पावेगी
जो मैं रस गया इसी ढाला मानवेगी
के मेरे मारे पच्चे के तू भी मार जवेगी
बोल्ली बता इतना जिगरा कड़े ते लावेगी
क्यूँ मेरा अल्फ़ाज़ विश्वश करे ना
तू मेरे खतर रखे ना रकेह
उपबस मैं तो रखूं तेरे खतर
सारे के सारे फ़ासले मिटा दूं
टोली टोली आया हाँ मैं रास्ते में सू
सबर आ जाए जे तू नज़र आ जाए
ज़िंदगी काट जाए खुशी से
जो तू घर आ जाए
घर आ जाए