Hai Jism

Sukhwinder Singh

है जिस्म मगर इस में अब जान नही है
तुझसे बिच्छाद के जीना आसान नही है
अब ज़िंदगी में कोई अरमान नही है

है जिस्म मगर इस में अब जान नही है
है जिस्म मगर इस में अब जान नही है
तुझ से बिच्छाद के जीना आसान नही है
अब ज़िंदगी में कोई अरमान नही है
तुझसे बिच्छाद के जीना आसान नही है

आलम धुवा धुवा है
मौसम है ठहरा ठहरा
हर सीमत बेआबसी है
तेरे दर्द का है फेहारा
कोई ख़्श्ी मेरे दर पे मेहमान नही है
तुझसे बिच्छाद के जीना आसान नही है

आँखो से नींदे रूठी दिल बेकरार है
आठो फेहार तारा ही मुझे इंतज़ार है
आँखो से नींदे रूठी दिल बेकरार है
आठो फेहार तारा ही मुझे इंतज़ार है
जज़बो में चाहतो का तूफान नही है
है जिस्म मगर इस में अब जान नही है
तुझसे बिच्छाद के जीना आसान नही है

Trivia about the song Hai Jism by Sukhwinder Singh

When was the song “Hai Jism” released by Sukhwinder Singh?
The song Hai Jism was released in 2006, on the album “Is Dil Se”.

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