Thap Thap

Irshad Kamil

थापाक थापाक थापाक थापाक
रख सीने में तेरा वादा जिया रे
पूरी ज़िंदगी मैं तो आधा जिया
तू मेरा दर्द ना जाने
आ के लगा ले तू गले
तो मैंने दर्द भुलाने
धक धक धक धक
दिल का चरखा
आस के रंग दिखावे
रे कौन सा ऐसा रस्ता है
जो मुझ तक तुझको लावे
के थप थप के थप थप
ढोलक दी घर बुलावे
के थप थप
रोज़ ही बिरहा गावे
के थप थप
ढोलक तन की धमाल करती
पल पल तेरा ख़याल करती
धप धप करती धमाल करती
हाए हे के थप थप
ढोलक दी घर बुलावे
के थप थप
रोज़ ही बिरहा गावे
के थप थप
ढोलक तन की धमाल करती
पल पल तेरा ख़याल करती

रब्बा सुन ले दुआएँ मेरी
यूँ जीते जी ना मार मुझको

रब्बा सुन ले दुआएँ मेरी
यूँ जीते जी ना मार मुझको
क्या करनी खुदाई मैंने तेरी
मिलाया ना जो यार मुझको
हो धक धक धक धक
दिल का चरखा घूम के रुक ना जाए
के शाम हो गई मुझसे लम्बे
हो गए हैं मेरे साये
के थप थप
के थप थप
ढोलक दी घर बुलावे
के थप थप
रोज़ ही बिरहा गावे
के थप थप
ढोलक तन की धमाल करती
पल पल तेरा ख़याल करती
धप धप करती धमाल करती
हाए हे के थप थप
ढोलक दी घर बुलावे
के थप थप
रोज़ ही बिरहा गावे
के थप थप
ढोलक तन की धमाल करती
पल पल तेरा ख़याल करती

Trivia about the song Thap Thap by Sukhwinder Singh

Who composed the song “Thap Thap” by Sukhwinder Singh?
The song “Thap Thap” by Sukhwinder Singh was composed by Irshad Kamil.

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