Saath Tere
Abhijay Sharma
दिलनशीं सा
सफ़र ये
थम ना जाए
ये हसीन सा
लग रहा है
हुब्ब से तेरे
हू मई घुल गयी
प्यार में
कुछ ऐसे
जैसे शमो में
खिल रहे ये तारे
लम्हो मे खुदको
हा पाउ
साथ तेरे
लफ़्ज़ों से तुझको
सजाऊ हर दफ़ा मैं
दस्तकें तेरी
सुन्न साकु
मई दिल में
लम्हो मे खुदको
हा पाउ
साथ तेरे
हां आ आ आ
दिल की डोरी से बँधी है मेरी खुशियाँ (हां)
साथ तेरे राहु मई,है ये अरमान (हां)
सारे ख्वाब मेरे
तुझसे होंगे पूरे
तुझपे ऐतबार ऐसा है पिया
चाहत तेरी मुझको
हर पल हर ये लम्हा
तेरा साथ चाहु राहों में पिया
हू मई घुल गयी
प्यार में
कुछ ऐसे
जैसे शाम में
खिल रहे ये तारे
लम्हो मे खुदको
हा पाउ
साथ तेरे
लफ़्ज़ों से तुझको
सजाऊ हर दफ़ा मैं
दस्तकें तेरी
सुन्न साकु
मई दिल में
लम्हो मे खुदको
हा पाउ
साथ तेरे