Aap Ke Husn Ka
Akhtar Javed, Mayuresh Pai
आप के हुस्न का लफ़ज़ो
में बया कैसे हो
आप के हुस्न का लफ़ज़ो
में बया कैसे हो
शायरी पर मुझे
शायरी पर मुझे अब
इतना गुमान कैसे हो
आप के हुस्न का लफ़ज़ो
में बया कैसे हो
रंगो से आपकी
तस्वीर तो बन सकती हैं
रंगो से आपकी
तस्वीर तो बन सकती हैं
रंग हर लम्हा जो बदले
वो समा कैसे हो
रंग हर लम्हा जो बदले
वो समा कैसे हो
शायरी पर मुझे अब
इतना गुमान कैसे हो
आप के हुस्न का लफ़ज़ो
में बया कैसे हो
वो कोई आपका चाहू
तो बना सकता हूँ
वो कोई आपका चाहू
तो बना सकता हूँ
वक़्त की साथ वो भूत
और जवान कैसे हो
वक़्त की साथ वो भूत
और जवान कैसे हो
आपके दर पे सवाली
हूँ ना जाने कब से
आपके दर पे सवाली
हूँ ना जाने कब से
एक दिन पुचछतो
लेते यहाँ कैसे हो
एक दिन पुचछतो
लेते यहाँ कैसे हो
शायरी पर मुझे
शायरी पर मुझे अब
इतना गुमान कैसे हो
आप के हुस्न का लफ़ज़ो
में बया कैसे हो.