Chunri Bhigi Jaaye
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
हो आग लगाये मचलती जवानी
पड़े जब पिया देखो सावन का पानी
हो पिया पनि सावन का पानी
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
जी मेरा चाहे मैं करू मनमानी
पड़े जब देखो गौरी
सावन का पानी
ओ गौरि पनि सावन का पानी
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
मेरी भी आँखों में देखो पिया तुम
देखो पिया तुम
मेरी भी आँखों में देखो पिया तुम
हो इन्दर दानुष सी लगती हैं ये
इन्दर दानुष सी लगती हैं ये
छेड़ रही आँखों में सतरंगी सपने
खो सा गया इन रंगो में मैं
मैं भी हुयी हूँ कितनी दीवानी
पड़े जब देखो पिया सावन का पानी
हो पिया पनि सावन का पानी
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
किसी शायर की ग़ज़ल लगती हो
सिर्फ तेरी सजनि लगती ह
तरसा हुआ एक बूत लगती हो
तेरे दिल की क्या लगती हु
तुहि मेरी चाहत तुहि ज़िंदगानी
पड़े जब देखो गौरि सावन का पानी
हो गौरि पनि सावन का पानी
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
ऐसे मिले हम तुमसे सनम
ओ सनम ओ सनम
ऐसे मिले हम तुमसे सनम
मिल जाये जैसे धरती को गगन
मिल जाये जैसे धरती को गगन
प्रीत के बादल छाए हुए हैं
आओ बुझा ले दिल की तपन
आओ करे कुछ ऐसी नादानी
सावन भी गए जिसकी कहानी
ह कहानी सवां का पानी
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए
चुनरी भीग जाये बदन भीग जाये
प्यार बढ़ा जाये और दिल डूबा जाए