Sham Rangeen Hui Hai

Ahmed Wasi, C Arjun

शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह
सूरमाई रंग सज़ा है
तेरे काजल की तरह
पास हो तुम मेरे दिल के
मेरे आँचल की तरह
मेरे आखों मे बसे हो
मेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह

आस्मा हैं मेरे
अरमानो का दर्पण जैसे
आस्मा हैं मेरे
अरमानो का दर्पण जैसे
दिल यू धड़ाके मेरा खनके
तेरा कंगन जैसे
मस्त आज हवाए
मेरी पायल की तरह
सूरमाई रंग सज़ा है
तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह
मेरी हस्ती पे कभी यूँ
कोई च्चाया ही ना था
मेरी हस्ती पे कभी यूँ
कोई च्चाया ही ना था
तेरे नज़दीक मैं पहले
कभी आया ही ना था
मई हू धरती की तरह
तुम किसी बदल की तरह
सूरमाई रंग सज़ा है
तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह

ऐसी रंगीन मुलाकात का
मतलब क्या हैं
ऐसी रंगीन मुलाकात का
मतलब क्या हैं
इन छलकते हुए जज़्बात
का मतलब क्या हैं
आज हर दर्द भुला दो
किसी पागल की तरह
सूरमाई रंग सज़ा है
तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह
पास हो तुम मेरे दिल के
मेरे आँचल की तरह
शाम रंगीन हुई है
तेरे आँचल की तरह
पास हो तुम मेरे दिल के

Trivia about the song Sham Rangeen Hui Hai by Suresh Wadkar

Who composed the song “Sham Rangeen Hui Hai” by Suresh Wadkar?
The song “Sham Rangeen Hui Hai” by Suresh Wadkar was composed by Ahmed Wasi, C Arjun.

Most popular songs of Suresh Wadkar

Other artists of Religious