Surmai Shaam
Gulzar, Hridaynath Mangeshkar
सुरमयी श्याम इस तरह आये
सुरमयी श्याम इस तरह आये
सांस लेते है जिस तरह साये
सुरमयी श्याम इस तरह आये
सांस लेते है जिस तरह साये
सुरमयी श्याम
कोई आहट नहीं बदन की कहीं
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं
कोई आहट नहीं बदन की कहीं
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं
वक़्त आया सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
जैसे खुशबु नज़र से छु जाए
जैसे खुशबु नज़र से छु जाए
सांस लेते है जिस तरह साये
सुरमयी श्याम
दिन का जो ही पहल गुज़रता है
कोई एहसान सा अतर्था है
दिन का जो ही पहल गुज़रता है
कोई एहसान सा अतर्था है
वक़्त के पाँव देखता हूँ मे
रोज़ यह चाल देखता हूँ मे
हाय जैसे कोई ख़याल आये
हाय जैसे कोई ख़याल आये
सांस लेते है जिस तरह साये
सुरमयी श्याम इस तरह आये
सांस लेते है जिस तरह साये
सुरमयी श्याम