Yeh Phoolon Ki Khushbu
ASHEESH THADANI, SYED TAQI HASAN SAHAB
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
महकती फिज़ा में लहकती जवानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
महकती फिज़ा में लहकती जवानी
तुझे ढूंढती है हर एक रहगुज़र पर
अब आजा कि होगी तेरी मेहरबानी
उठी घाटियों से वो काली घटायें
चली गीत गाती ये भीगी हवायें
उठी घाटियों से वो काली घटायें
चली गीत गाती ये भीगी हवायें
छुआं सर्द झोकों ने आकर जो दामन
बरसने लगा तन भिगोने को पानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
ये भँवरों का फूलों से यूँ प्यार करना
वो फूलों का हिल हिल के इनकार करना
ये भँवरों का फूलों से यूँ प्यार करना
वो फूलों का हिल हिल के इनकार करना
ये शाखों पे बैठी हुई चंद चिड़ियाँ
सुनाती हो जैसे कि बीती कहानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी