Ek Baat Poochhta Hoon

Akhtar Lakhnavi, Iqbal Qureshi

एक बात पूछता हूँ
हूँ
एक बात पूछता हूँ
हूँ
गर तुम बुरा न मानो
ना
गर तुम बुरा न मानो
ना
एक बात पूछता हूँ
हूँ

देखा कहीं है तुमने दिल मेरा खो गया है
मेरा ही हो के मुझसे नाराज़ हो गया है
नाराज़ हो गया है

बोलो तो ढूँढ लूँ मैं
हूँ
बोलो तो ढूँढ लूँ मैं
हूँ
गर तुम बुरा न मानो
ना
गर तुम बुरा न मानो
ना
एक बात पूछती हूँ
हूँ

कैसा है दिल तुम्हारा फिरता है मारा-मारा
बेदिल तुम्हें बनाकर खुद हो गया आवारा
खुद हो गया आवारा

समझा के भेज दूँ मैं
हूँ
समझा के भेज दूँ मैं
हूँ
गर तुम बुरा न मानो
ना
गर तुम बुरा न मानो
ना
एक बात पूछता हूँ
हूँ

नाराज़ है ये तुमसे रहने दो पास मेरे
जाता नहीं बेचारा घर से निकालूँ कैसे
घर से निकालूँ कैसे
दिल कैसे तोड़ दूँ मैं
हूँ
दिल कैसे तोड़ दूँ मैं
हूँ
गर तुम बुरा न मानो
ना
गर तुम बुरा न मानो
ना
एक बात पूछता हूँ
हूँ

Trivia about the song Ek Baat Poochhta Hoon by Usha Mangeshkar

Who composed the song “Ek Baat Poochhta Hoon” by Usha Mangeshkar?
The song “Ek Baat Poochhta Hoon” by Usha Mangeshkar was composed by Akhtar Lakhnavi, Iqbal Qureshi.

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