Jo Khwab Saja Hai Palkon Men

Jaidev, Naqsh Lyallpuri

जो ख्वाब सज़ा है पलकों मे
जो ख्वाब सज़ा है पलकों मे
वो ख्वाब हक़ीक़त बन जाए
वो ख्वाब हक़ीक़त बन जाए
ये दर्द जो दिल मे जागा है
ये दर्द जो दिल मे जागा है
ए काश मोहब्बत बन जाए
ए काश मोहब्बत बन जाए
ये दर्द जो दिल मे जागा है

जाने क्या सोचकर शोख होती गयी
मेरी मासूम अंगड़ाइया
जाने क्या सोचकर शोख होती गयी
मेरी मासूम अंगड़ाइया
आईने की नज़र से मिलाकर नज़र
गीत गाती हैं तन्हाईया
गीत गाती हैं तन्हाईया
यह दर्द जो दिल मे जागा है
ए काश मोहब्बत बन जाए
ए काश मोहब्बत बन जाए
ये दर्द जो दिल मे जागा है

चाँदनी रात मे नाचता हू मगर
नींद आँखो मे घुलती नही
चाँदनी रात मे नाचता हू मगर
नींद आँखो मे घुलती नही
सो रहु तो किसी के जगाए बिना
अब मेरी आँख खुलती नही
अब मेरी आँख खुलती नही
जो ख्वाब सज़ा है पलकों मे
वो ख्वाब हक़ीक़त बन जाए

Trivia about the song Jo Khwab Saja Hai Palkon Men by Usha Mangeshkar

Who composed the song “Jo Khwab Saja Hai Palkon Men” by Usha Mangeshkar?
The song “Jo Khwab Saja Hai Palkon Men” by Usha Mangeshkar was composed by Jaidev, Naqsh Lyallpuri.

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