Khuli Khuli Zulfon Ko Bandh Bhi Lo

Aziz Kaisi, Iqbal Qureshi

खुली खुली जुल्फों को बांध भी लो
खुली खुली जुल्फों को बांध भी लो
हो जाये न दुनिया में शम कही

यु न देखो यूं न देखो
तुम मुझको
यु न देखो यूं न देखो
तुम मुझको
हो जाये न हम बदनाम कही

आँखे क्यों झुकाने लगी है
आंचल क्यों ढल जाता है
आ आ आ

आ आ आ

कुछ तो बता जादूगर
ये जादू क्यों चल जाता है

भोली भोली भोली
बातें छोड़ भी दो
भोली भोली भोली
बातें छोड़ भी दो
हो जाये न ये बाते ये आम कही

यूं न देखो यूं न देखो
तुम मुझको
हो जाये न हम बदनाम कही

जैम चुराकर इन आँखों के
आज नशे में चूर हूँ मैं
आ आ आ

आ आ आ

चोर नहीं मई जाने तमन्ना
आदत से मजबूर हु मै

चोरी चोरी चोरी
की ये बात करो
चोरी चोरी चोरी
की ये बात करो
आ जाये न कोई इलज़ाम कही

खुली खुली जुल्फों को बांध भी लो
हो जाये न दुनिया में शम कही

जान तुम्हारे बस में कर दी
दिल नजराना दे डाला
हम्म हम्म हम्म हम्म

हा हा हा हा हा

तुम भी सनम क्या याद करोगे
जादू क्यों चल जाता है

ऐ जी हमपे न एहसान करो
ऐ जी हमपे न एहसान करो
हो जाये न हम नीलम कही

यु न देखो यूं न देखो
तुम मुझको
हो जाये न हम बदनाम कही

मुखड़े की ये धुप गुलाबी
जुलफो के रंगी साए
आ आ आ

हा हा हा हा

दिल कहता है भूलो सब कुछ
आदत से मजबहुर हु मै

दिल है दीवाना दिल थाम भी लो
दिल है दीवाना दिल थाम भी लो
इस को नहीं आराम कही

खुली खुली जुल्फों को बांध भी लो
हो जाये न दुनिया में शम कही

Trivia about the song Khuli Khuli Zulfon Ko Bandh Bhi Lo by Usha Mangeshkar

Who composed the song “Khuli Khuli Zulfon Ko Bandh Bhi Lo” by Usha Mangeshkar?
The song “Khuli Khuli Zulfon Ko Bandh Bhi Lo” by Usha Mangeshkar was composed by Aziz Kaisi, Iqbal Qureshi.

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