Aa Bhi Jaa [Trending Version]
Nida Fazli
मेरे, मेरे दिल के पागलपन की और सीमा क्या है
हां यूँ तो तू है मेरी छाया तुझ में और तेरा क्या है
मैं हूँ गगन तू है ज़मीं अधूरी सी मेरे बिना
रात को कर विदा, दिलरुबा, आ भी जा
आ भी जा आ भी जा
ऐ सुबह, आ भी जा
आ भी जा आ भी जा
ऐ सुबह, आ भी जा
देखूँ चाहे जिसको कुछ कुछ तुझसा दिखता क्यों है
आ जानूं, ना में जानूं ना मैं, तेरा मेरा रिश्ता क्यों है
कैसे कहूँ कितना बेचैन है दिल मेरा तेरे बिना
रात को कर विदा, दिलरुबा, आ भी जा
आ भी जा आ भी जा
ऐ सुबह, आ भी जा
आ भी जा आ भी जा
ऐ सुबह, आ भी जा