Tere Saath

Gulzar

तेरे साथ जीना है
मेरे साथ मारना तू

तेरे साथ जीना है
मेरे साथ मारना तू

ऐसे ही ऐसे ही
बारिश बरसती हो
बदल गरजते हो
तू पास ही रहना

हल्के अंधेरे
की चादर पे
इतना हंसा ना
के आ जाए आँसू

तेरे साथ जीना है
साथ जीना है
साथ जीना है
मेरे साथ मारना तू
साथ मारना तू

हो हो हो हो..

चल चल फकीरो से मांगे
एक और भी ऐसी
ही जिंदगी हमको देदे

कल का अगर वादा होता
मंजूर हे आज चाहे
तो वो जान ले ले

मेरे जिस्म में बसी रहे
तेरी ही खुसबू

मेरे साथ मारना तू
तेरे साथ जीना है

चलना टनेल पार करके
हम दूसरी ज़िंदगी में
निकल जाए तो

ऐसा ही लम्हा हो
जिसमे एक दूसरे से लिपट के
पिघल जायें तो

यूँ ही सही पूरी करें
जीने की आरज़ू

मेरे साथ मारना तू
तेरे साथ जीना है
साथ जीना है

Trivia about the song Tere Saath by Vishal Bhardwaj

Who composed the song “Tere Saath” by Vishal Bhardwaj?
The song “Tere Saath” by Vishal Bhardwaj was composed by Gulzar.

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