Tere Hi Ghar Ke

Ajay Bawa, Anupama Raag

तेरे ही घर के रस्तों पर
अब मेरा दम निकले
जाऊ जहाँ भी तेरी ही बाहों
में हर पल निकले

चाहे मिले सौ सौ ग़म फिर भी
तुझसे ही हम संभले
तेरे ही घर के रस्तों पर
अब मेरा दम निकले

खुद को मेरे यारा तुझपे लूटा दिया
मंज़िल को अपनी तेरा रास्ता बना लिया

बन जाऊ दवा तेरे सारे गम की
ख्वाब यही रहे
तेरे ही घर के रास्तों पर
अब मेरा दम निकले

वाजिब है इश्क़ में तेरे
ऐसा जुनून मिले
जब भी तुझको देखूं
फिर ही सुकून मिले

ना दूर तू मुझसे हो जाए
हर धड़कन यह कहे

तेरे ही घर के रास्तों पर
अब मेरा दम निकले
जाऊ जहाँ भी तेरी ही बाहों
में हर पल निकले

Trivia about the song Tere Hi Ghar Ke by Yasser Desai

Who composed the song “Tere Hi Ghar Ke” by Yasser Desai?
The song “Tere Hi Ghar Ke” by Yasser Desai was composed by Ajay Bawa, Anupama Raag.

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