Bedaar Huyi Kaliyan
HIMMAT RAI, JAMAL SEN
आ आ आ आ आ
पयाँ-ए-इशक़रा हन आन आन आन
मान आज निगाह-ए-नाज़ में कानम
ज़बान-ए-यार-ए-मान
हिन्दी दामन हिन्दी ना मैं गानम
बेदार हुईं कलियाँ
और हुस्न हुआ रकसान
शोला-ए-शमा लरज़ान
अफ़साने का उनवान उनवान
ज़रा पतंगे की आहत हुई
तो भाँप गयी शमा की लाउ
शमा की लाउ से जो उरियाँ
सितान को काँप गयी
जाली तो ऐसी जाली नाम कर गई रोशन
जली तो ऐसी जली नाम कर गई रोशन
बुझी तो दुनिया के आँचल से
तन को ढांप गयी
शमा की लाउ शमा की लाउ