Mujhe Khat Likhna

Zafar Gorakhpuri

जब मेरी याद सताये तो मुझे खत लिखना
जब मेरी याद सताये तो मुझे खत लिखना
तुमको जब नींद ना आये तो मुझे खत लिखना
जब मेरी याद सताये तो मुझे खत लिखना

गिले पेड़ की घनी छांव में हँसता सावन
प्यासी धरती में समाने को तरसता सावन
रात भर छत पे लगातार बरसता सावन
दिल में जब आग लगाये तो ओ ओ ओ
दिल में जब आग लगाये तो मुझे खत लिखना
तुमको जब नींद ना आये तो मुझे खत लिखना

जब खड़क उठे किसी शाख पे पत्ता कोई
गुदगुदाये तुम्हें देखा हुआ लम्हा कोई
जब मेरी याद का बेचैन पपीहा कोई
जी को रह रह के जलाये तो ओ ओ ओ
जी को रह रह के जलाये तो मुझे खत लिखना
तुमको जब नींद ना आये तो मुझे ख़त लिखना

जब निगहों के लिये कोई नज़ारा ना रहे
चाँद छुप जाये गगन पर कोई तारा ना रहे
भरे संसार में जब कोई सहारा ना रहे
लोग हो जाये पराये तो ओ ओ ओ
लोग हो जाये पराये तो मुझे खत लिखना
तुमको जब नींद ना आये तो मुझे खत लिखना
जब मेरी याद सताये तो मुझे खत लिखना

Trivia about the song Mujhe Khat Likhna by पिनाझ मसानी

When was the song “Mujhe Khat Likhna” released by पिनाझ मसानी?
The song Mujhe Khat Likhna was released in 2009, on the album “A Team Come True”.
Who composed the song “Mujhe Khat Likhna” by पिनाझ मसानी?
The song “Mujhe Khat Likhna” by पिनाझ मसानी was composed by Zafar Gorakhpuri.

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