Tamam Umr Bahekte Rahe Hain [Live]
तमाम उम्र बहेलते
रहे हैं खाबों से
तमाम उम्र बहेलते
रहे हैं खाबों से
हूमें मिले हैं
शहरे इन्ही शायरबो से
तमाम उम्र
ख़याल शोहराते
रुसवाई और क्या करते
ख़याल शोहराते
रुसवाई और क्या करते
मिटता दिया हैं तेरा
नाम भी किताबों से
मिटता दिया हैं तेरा
नाम भी किताबों से
तमाम उम्र
हर एक नशे से हैं बढ़ कर
तुम्हारे घूम का नशा
हर एक नशे से हैं बढ़ कर
तुम्हारे घूम का नशा
दिले तबाह ना संभाला
कभी शराबो से
दिले तबाह ना संभाला
कभी शराबो से
तमाम उम्र
बदल गयी जो वो
नज़ारे तो क्या हुआ रशीद
बदल गयी जो वो
नज़ारे तो क्या हुआ रशीद
बचा हैं कौन
ज़माने की इन्क़लाबो से
बचा हैं कौन
ज़माने की इन्क़लाबो से
तमाम उम्र बहेलते
रहे हैं खाबों से
तमाम उम्र