Nuktacheen Hai Ghame Dil
आ नुक्ता चीन है ग़म ए दिल
उसको सुनाये न बने
क्या बने बात जहां
बात बनाये न बने
क्या बने बात जहां
बात बनाये न बने
मैं बुलाता तो हु
उसको मगर ऐ जज़बा-इ-दिल
मैं बुलाता तो हु
उसको मगर ऐ जज़बा-इ-दिल
उस पे बन जाए कुछ ऐसी
उस पे बन जाए कुछ ऐसी की बिन आए न बने
उस पे बन जाए कुछ ऐसी की बिन आए न बने
नुक्ता चीन है ग़म ए दिल उसको सुनाये
बोझ वो सर से गिरा है
बोझ वो सर से गिरा है
है की उठा ए ना उठे
काम वो आ न पड़ा
है की बनाये ना बने
काम वो आ न पड़ा
है की बनाये ना बने
नुक्ता चीन है ग़म ए दिल उसको सुनाये
इश्क़ पर ज़ोर नहीं
इश्क़ पर ज़ोर नहीं
है ये वो आतिश ग़ालिब
कि लगाए न लगे
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
नुक्ता चीन है ग़म ए दिल उसको सुनाये