Musibaton Ko Bhula Raha Hoon

Faiyaz Hashmi, Kamal Dasgupta

मुसीबतों को बुला रहा हूँ, बुला रहा हूँ
मुसीबतों को बुला रहा हूँ, बुला रहा हूँ
ये दिल तू मुझको मिटा चुका है
आज मैं दिल को मिटा रहा हूँ
जहाँ हो बीती वहाँ तो रोया, वहाँ तो रोया आ आ आ
जहाँ खुशी थी जहाँ को तड़पा, वाहा को तड़पा
जहाँ की सारी दुनिया रोती, जहाँ की सारी दुनिया रोती
वही मै अब मैं मुस्कुरा रहा हूँ

वहाँ पे जाना था काम मेरा
वहाँ ना पहुँचा तो नाम मेरा
जहाँ पे चाहते है सब रहना
अब वहाँ से खुद मैं जा रहा हूँ

जहाँ पे बचने की आरज़ू थी, आरज़ू थी, ई ई
वहाँ तो लूटी कली है तू ही लूटी गयी है पूरी
यहाँ से कोई लूटा नही है
यहाँ से कोई लूटा नही है
अब वहाँ मैं सब कुछ लूटा रहा हूँ
मुसीबतों को बुला रहा हूँ, बुला रहा हूँ

Trivia about the song Musibaton Ko Bhula Raha Hoon by Hemant Kumar

When was the song “Musibaton Ko Bhula Raha Hoon” released by Hemant Kumar?
The song Musibaton Ko Bhula Raha Hoon was released in 2002, on the album “The Unforgettable Hemant Kumar”.
Who composed the song “Musibaton Ko Bhula Raha Hoon” by Hemant Kumar?
The song “Musibaton Ko Bhula Raha Hoon” by Hemant Kumar was composed by Faiyaz Hashmi, Kamal Dasgupta.

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