Apna Gham

Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh

अपना घाम ले के कहीं और ना जाया ना जाए
अपना घाम ले के कहीं और ना जाया ना जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना घाम ले के कहीं और ना जाया ना जाए

जिन चिरगों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
जिन चिरगों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चिरगों को हवाओं से बचाया जाए
उन चिरगों को हवाओं से बचाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना घाम ले के कहीं और ना जाया ना जाए

बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं
बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए

घर से मस्जिद है बहुत डोर चलो यूँ कर ले
घर से मस्जिद है बहुत डोर चलो यूँ कर ले
किसी रोते हुए बचे को हंसाया जाए
किसी रोते हुए बचे को हंसाया जाए
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाए
अपना घाम ले के कहीं और ना जाया ना जाए

Trivia about the song Apna Gham by Jagjit Singh

Who composed the song “Apna Gham” by Jagjit Singh?
The song “Apna Gham” by Jagjit Singh was composed by Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh.

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