Chaurahe Par

Atal Bihari Vijpayyee, Jagjit Singh

चौराहे पर लूटता चियर
चौराहे पर लूटता चियर
प्यादे से पीट गया वज़ीर
चालू आखरी चाल की बाजी छोड़ विरक्ति रचौ मैं
राह कौन से जौ मैं
राह कौन से जौ मैं

सपना जानमा और मार गया
मधु ऋतु में ही बाग झार गया
सपना जानमा और मार गया
मधु ऋतु में ही बाग झार गया
तिनके बिखरे हुए बथोरू या नाव सरिस्टी साजौ मैं
राह कौन सी जायू मैं
राह कौन सी जायू मैं

दो दिन मिले उधार में
घाटे के वायपार में
दो दिन मिले उधार में
घाटे के वायपार में
शान शान का हिसाब जोड़ू
या पूंजी शेष लुतौऊ मैं
रह कौन सी जायू मैं
रह कौन सी जायू मैं
चौराहे पर लूटता चियर
प्यादे से पीट गया वज़ीर
चालू आखरी चाल की बाजी छोड़ विरक्ति रचौ मैं
राह कौन से जौ मैं
राह कौन से जौ मैं

Trivia about the song Chaurahe Par by Jagjit Singh

Who composed the song “Chaurahe Par” by Jagjit Singh?
The song “Chaurahe Par” by Jagjit Singh was composed by Atal Bihari Vijpayyee, Jagjit Singh.

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