Dard Apnata Hai

JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR

दर्द अपनाता है, पराए कौन
दर्द अपनाता है, पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन
दर्द अपनाता है, पराए कौन

कौन दोहराए पुरानी बातें
कौन दोहराए पुरानी बातें
ग़म अभी सोया है, जगाए कौन
ग़म अभी सोया है, जगाए कौन
ग़म अभी सोया है, जगाए कौन

वो जो अपने हैं, क्या वो अपने हैं
वो जो अपने हैं, क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले, आज़माए कौन
कौन दुख झेले, आज़माए कौन
कौन दुख झेले, आज़माए कौन

अब सुकूँ है तो भूलने में है
अब सुकूँ है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन
दर्द अपनाता है, पराए कौन

आज फिर दिल है कुछ उदास-उदास
आज फिर दिल है कुछ उदास-उदास
देखिये आज याद आए कौन
देखिये आज याद आए कौन
दर्द अपनाता है, पराए कौन
कौन सुनता है और सुनाए कौन

Trivia about the song Dard Apnata Hai by Jagjit Singh

When was the song “Dard Apnata Hai” released by Jagjit Singh?
The song Dard Apnata Hai was released in 2010, on the album “Silsilay - Jagjit Singh / Javed Akhtar”.
Who composed the song “Dard Apnata Hai” by Jagjit Singh?
The song “Dard Apnata Hai” by Jagjit Singh was composed by JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR.

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