Dhuan Utha Tha Diwane Ke Jalte Ghar Se

Shamim Shahabadi

धुआँ उठा था दीवाने के
जलते घर से सारी रात
धुआँ उठा था दीवाने के
जलते घर से सारी रात
लेकिन वो खामोश रहे
लेकिन वो खामोश रहे
दुनिया के डर से सारी रात

रात यूं जलते दिल पर तेरी
रात यूं जलते दिल पर तेरी
यादों की बरसात हुई
जैसे इक प्यासे की चिता
पर बरखा बरसे सारी रात
लेकिन वो खामोश रहे
दुनिया के डर से सारी रात

सारी रात तो सपने देखे
सारी रात तो सपने देखे
सुबह को ये मेहसूस हुआ
हमें अपना सर टकराया
इक पत्थर से सारी रात
लेकिन वो खामोश रहे
दुनिया के डर से सारी रात

Trivia about the song Dhuan Utha Tha Diwane Ke Jalte Ghar Se by Jagjit Singh

Who composed the song “Dhuan Utha Tha Diwane Ke Jalte Ghar Se” by Jagjit Singh?
The song “Dhuan Utha Tha Diwane Ke Jalte Ghar Se” by Jagjit Singh was composed by Shamim Shahabadi.

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