Ghar Se Nikle The Hausala Karke

RAJESH REDDY, JAGJIT SINGH

घर से निकले थे हौसला करके

घर से निकले थे हौसला करके
लौट आए खुदा खुदा करके
घर से निकले थे हौसला करके

दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा करके
हमने देखा हैं तजुरबा करके

जिंदगी तो कभी नहीं आई
जिंदगी तो कभी नहीं आई
जिंदगी तो कभी नहीं आई
मौत आई ज़रा ज़रा करके

लोग सुनते रहे दिमाग की बात
लोग सुनते रहे दिमाग की बात
लोग सुनते रहे दिमाग की बात
हम चले दिल को रहनुमा करके

किसने पाया सुकून दुनिया मे
किसने पाया सुकून दुनिया मे
किसने पाया सुकून दुनिया मे
जिंदगानी का सामना करके
घर से निकले थे हौसला करके
लौट आए खुद़ा खुदा करके
घर से निकले थे हौसला करके

Trivia about the song Ghar Se Nikle The Hausala Karke by Jagjit Singh

On which albums was the song “Ghar Se Nikle The Hausala Karke” released by Jagjit Singh?
Jagjit Singh released the song on the albums “Khamoshi” in 2008, “Aaeena” in 2008, “Dard-E-Jigar” in 2008, “Top 10 Ghazal By Jagjit Singh” in 2013, and “Timeless Classics” in 2014.
Who composed the song “Ghar Se Nikle The Hausala Karke” by Jagjit Singh?
The song “Ghar Se Nikle The Hausala Karke” by Jagjit Singh was composed by RAJESH REDDY, JAGJIT SINGH.

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