Humsafar Hota Koi Toh Baant Lete

Sardar Anjum

हमसफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ
हमसफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ
राह चलते लोग क्या समझें मेरी मजबूरियाँ
हमसफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ

मुस्कुराते ख़्वाब चुनती गुनगुनाती ये नज़र
मुस्कुराते ख़्वाब चुनती गुनगुनाती ये नज़र
किस तरह समझे मेरी क़िस्मत की नामंज़ूरियाँ
राह चलते लोग क्या समझें मेरी मजबूरियाँ
हमसफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ

हादसों की भीड़ है चलता हुआ ये कारवाँ
हादसों की भीड़ है चलता हुआ ये कारवाँ
ज़िन्दगी का नाम है लाचारियाँ मजबूरियाँ

फिर किसी ने आज छेड़ा ज़िक्र-ए-मंजिल इस तरह
फिर किसी ने आज छेड़ा ज़िक्र-ए-मंजिल इस तरह
दिल के दामन से लिपटने आ गई हैं दूरियाँ
राह चलते लोग क्या समझें मेरी मजबूरियाँ
हमसफ़र होता कोई तो बाँट लेते दूरियाँ

Trivia about the song Humsafar Hota Koi Toh Baant Lete by Jagjit Singh

Who composed the song “Humsafar Hota Koi Toh Baant Lete” by Jagjit Singh?
The song “Humsafar Hota Koi Toh Baant Lete” by Jagjit Singh was composed by Sardar Anjum.

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