In Ashqon Ko

Jagjit Singh, Deepak Pandit

इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है
टन मान में जो आग लगड़े
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है

कैसे तुम से इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
कैसे तुम से इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
सुन लो तो सॅचा अफ़साना वरना एक खानी है
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है

शएक-ओ-ब्रहमान, ज़ाहिद-ओ-वाइज़ पिरी में ये क्या जाने
शएक-ओ-ब्रहमान, ज़ाहिद-ओ-वाइज़ पिरी में ये क्या जाने
भूल भी हो जाती है इस में इसका नाम जवानी है
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है

दुख शुख सहना और खुश रहना
इश्क़ मे लाज़मी है ये सहर
दुख शुख सहना और खुश रहना
इश्क़ मे लाज़मी है ये सहर
दिलवाले तो मत घबराव ये तो रीत पुरानी है
टन मान में जो आग लगड़े
टन मान में जो आग लगड़े
ये तो ऐसा पानी है
इन अशाको को पानी कहना भूल नही नादानी है.

Trivia about the song In Ashqon Ko by Jagjit Singh

When was the song “In Ashqon Ko” released by Jagjit Singh?
The song In Ashqon Ko was released in 2002, on the album “Forget Me Not ”.
Who composed the song “In Ashqon Ko” by Jagjit Singh?
The song “In Ashqon Ko” by Jagjit Singh was composed by Jagjit Singh, Deepak Pandit.

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